नारी विकास और नारी उत्थान के प्रयत्न पूरे देश मे जारी है।ओर मेरे देश की नारी ने हर समय देश मे गौरव बढाया है। लक्ष्मीबाई से लगाकर कलपना चाॅवला तक सभी ने भारत को शिखर पर बिढाया है।यह मात्र भारत की ही गथा है यहाँ पारिवारिक मंचो से लगाकर राजनैतिक मंच तक महिलाओ का बोलबाला है।
आज हर जगह महिला शक्ति नजर आती है। हर ड़िपार्टमेन्ट मे महिलाशक्ति की आवाज है।
इस देश के चारो कोनो पर महिलाशक्ति का शासन है।राजेस्थान, पशिचम बगाल ओर तमिलनाडू, जम्मु कशमीर यह चारो राज्य महिलाओ के हाथ मे है। विदेश मंत्रालय महिला सम्भाल रही है तो लोकसभा अध्यक्ष महिला है। IS ओर IPS महिला है तो रेल मे मोटर कुमेन है ।सामाजिक संस्था महिला चला रही है तो खेल के मैदान पर भी अपना पशचम बता रही है। RIO मे पहला मेड़ल भारत के लिए महिला ने खोला है। किरण बेदी, चदा कोचर, साइना नेहावाल हमारे देश की नारी का आदेश बने है।
कॉरपोरेट् क्षेत्र मे सिविलक्षेत्र मे खेल जगत मे सभी जगह महिलाओ का दबदबा दिखाई दे रहा है। परन्तु यह सारी कॉरपोरेट्, सिविल या खेल मे जो महिला है वह मात्र देश की 5% लगभग है।अभी भी हमारे देश की 60% महिला खुद का विकास नही कर पा रही है।हमे उस 60% महिलाओ पर फोकस करना होगा जिनके माध्यम से हम सम्पूर्ण नारी शक्ति को विकसित कर सकेंगे।
भारतीय नारी मे रही शक्तियो को बाहार लाने के लिए इस 21वी सदी मे भी अनेक प्रयत्नो को करना होगा ।
मेरे देश की एक बहुत बड़ी आबादी गांवों मे निवास करती है जो अपनी स्वयं की मस्ती मे रहती है। जहाँ वह हर क्षेत्र मे पिछड़ जाती है। हमे उन ग्रामीण युवतियो का विकास तो करना है परन्तु उनमे हमारी संस्कृति भी जीवन्त बनी रहे इसका ध्यान रखना है।तभी हमे सस्कारीत नारी का दश॔न इस वत॔मान मे होगा और इसी संस्कारीत नारी के माध्यम से आने वाले 100 साल तक संस्कृति का संरक्षण हो सकेगा ।तो बस संस्कृति से सज्ज 21 वी सदी की नारी का किएशन करने आप और हम सब अपने कदम उठाए ।।