युवाओ के लिए यह एक बहुत बडा सवाल है- हमारी लाईफ स्टाइल का तरीका क्या है? यह कितनी ऑर्गनाइस्ड है? लाईफ मे आपको किस दिशा मे कितना दौडना है? इसका कुछ रिदम मेनटेन किया है? हर इन्सान खुद की लाइफ के बारे मे कुछ धारणा बांधता है। जिन्दगी मे एक fix दिशा और मंजिल नक्की करता है। और फिर मंजिल प्राप्त करने के लिए सफर शुरू करता है।
कितने ही लोग मार्ग पर से भटक जाते है। life के रास्तो पर माइलस्टोन नही होते है। इसमे हमे खुद स्थानो को नक्की करना पडता है। जिंदगी की गाड़ी मे चलते चलते अचानक से कोई डाइवर्जन आ जाता है। ऐसे डाइवर्जन जीवन का एक हिस्सा होता है। उस डाइवर्जन को क्रोस करके जीवन की गाडी को सही ट्रैक पर लाना होता है।
अगर हम एक सर्वे करे या तो सफल लोगो के इतिहास मे झाॅके तो हमे सर्वे का निचोड (सार) यही मिलेगा की जिन्होने अपने जीवन मे नियम बनाये है। उन नियमो का पालन किया है। जिन्होंने ऑर्गनाइस्ड लाईफ स्टाइल जी है उन्होंने लम्बा जीवन जीया है। अन्धाधुन्ध जीवन जीने वालो की लाईफ की आयुष्य रेखा छोटी रही है।
इसी संशोधन मे दुसरी बात मजेदार यह मिली है कि यह लोग लम्बा तो जीये है इनकी लाईफ व्यवस्थित होने के कारण सुखी और आन्नदमय थी। क्योंकि जो धारो वैसा ही जियो तो ही जीवन मे आन्नद का अनुभव हो सकता है। पर बहुत से लोग जीवन मे धारणा कुछ और करते है और जीवन कुछ और जिते है।
प्रश्न उठता है ऑर्गनाइस्ड लाईफ यानि क्या? पुरी जिंदगी मात्र और मात्र नियमो के आधार पर ही जीना क्या? हमे मर्जी के हिसाब से कभी जीना ही नही? इन सारे प्रश्नो का एक ही आदमी ने मजे का जवाब दिया है- मै मेरे दिन भर का प्लान कुछ इस तरह बनाता हूँ कि जिसमे आराम का समय होता है, मस्ती का भी टाइम होता है पुरा टाईट शेड्यूल भी लाईफ को खत्म कर देता है। तो बस लाईफ को ऑर्गनाइस्ड करे और जीवन को तनाव मुक्त बनाकर आन्नद यात्रा बनाए ।।