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हिम्मत है मर्दा तो मदद है खुदा

जिंदगी बहुत उलझी पहेली की तरह है इसको जितना सुलझाने की कोशिश करते है उतनी ही उलझती जाती है। जब मानव पूरी तरह इस उलझन में भरा जाता है तो उसे बहार निकलने का रास्ता नही मिलता है। जैसे कबुतर पतंग की डोर में उलझ कर गबहरा जाता है। इस गबराहत से अपने पंखो को फड़फड़ा कर गवा बैढ़ता है।

पर उस समय गबराहट के बदले हिम्मत से काम लिया होता तो शायद वह उसमे से बच सकता था। इंसान भी जब पतंग के पक्के धागे की तरह जिंदगी की उलझन में फस जाता है और उस समय वह गबराहट में खुद के हाथो से स्वयं के पैरो पर घाव कर देता है। अंत में जीवन को समाप्त कर देता है। अगर वह थोड़ी सी भी हिम्मत बाताये तो वह जी भी जाता है। और जीत भी जाता है।

बहुत सी बार जिंदगी इंसान को ऐसे मोड़ पर लाकर खड़ा कर देती है वहा मानव को लगता है सब कुछ ख़त्म हो गया है। सब कुछ तबाह हो गया है। जहाँ देखता वहा उसे निराशा ही निराशा दिखती है। ऐसी स्थिती में जब ना हिम्मत हो तब इंसान आत्महत्या का कदम तक उठा लेता है। बहुत से लोग निराशा की आग को अंत समझकर घुटने टेक देते है। ये सारे लोग जानते ही नही है की जिंदगी में चाहे जितनी मुश्किलें हो इन सारी मुसीबतो का एक इलाज़ है और वह है हिम्मत, हाँ हिम्मत एक ऐसी चीज़ है जो आपको हर परिस्थिति में से बहार निकाल देती है। जब हम निराश होते है तो कही अटक जाते है, अकल्पनीय मुश्किल सामने आकर खड़ी हो जाती है। तब लगता है की अब बचने का कोई साधन नही है। तब रक्षण करने वाला एक ही हथियार है और वह है हिम्मत। हिम्मत के साथ हर परिस्थिति का सामना करो। सामना करने की हालत नही है तो हिम्मत पूर्वक योग्य समय का इंतज़ार करो। दिमाग को धीरे धीरे हिम्मत की इंजेक्शन दो। अगर अपने हिम्मत दिखाई तो ईश्वर भी मदद करने की पहल करेगा। इसलिए कहाँ- ” हिम्मत है मर्दा तो मदद है खुद”। जिसमे हिम्मत नही होती उसकी मदद तो ईश्वर भी नही करता है। हिम्मतवाला इंसान मानव को भी प्रिय होता है। जीवन में सुख और दुख तो आने ही वाले है। जीवन एक सागर है और सागर में तूफान तो आने ही वाले है। और इन तूफान से डरने वालो की कभी भी नौका पार नही हो सकती है। अगर हिम्मत होगी तो छोटी सी नौका भी तुफानो को चीर कर चली जायेगी। तो बस मर्द बनो मुश्किलो का डट कर सामना करो ।

भगवान खुद मदद करने चलकर आएगा।

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