विचारों को अपने जीवन में परिवर्तन करना
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अहंकार सभी को हार के दरवाजे पर ले जाता है
एक बार की बात है- महाकवि कालिदास जी विक्रमादत्य की आज्ञा लेकर शास्त्रार्थ करने के लिए गए। रास्ता बडा ही लम्बा था और उनके मन मे शास्त्रो की बाते चल रही थी। कही न कही उन्हे अहं भाव भी आ गया था। पर भयंकर धूप के कारण उन्हे प्यास लगने लगी। घोडे पर सवार कालिदास को दूर दूर तक कुछ…
सर्वे
समग्र एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी मुम्बई मे है। जहाँ चित्र विचित्र प्रकार के लोग रहते है। जिनकी education एक दम कम और काले धन्धे एक दम ज्यादा है। दारू, जुआ चोरी जैसे काम करने वाले यहाँ ज्यादा प्रमाण में रहते है। वर्षो पहले मुम्बई महानगर पालिका ने एक सर्वे कराया की इस झोपड़पट्टी में रहने वाले लड़के 20 years…
कषायो का फल
प्रशमरति ग्रंथ मे काहा है कषायो के परवश हुआ है। जीव भयंकर आपत्तियो का भोग बनता है।इन अनर्थो का नाम मात्र भी कौन कहने मे समर्थ है? कषायो के हाथ से भयंकर हार खाये हुए जीवात्माओ की दुर्दशा का थोडासा भी विचार हमने करा है? तीन भुवन मे प्रभुत्व धराने वाले कषाय इस संसार मे कैसा कहर डा रहे है?…
द्वेष के पर्याय
द्वेष के पर्यायवाची, द्वेष के विभिन्न रूप, द्वेष की अलग अलग कृतिया। इसके शास्त्रो मे 9 प्रकार बताने मे आये है। 1. ईष्या: जब हम दुसरे मनुष्य का वैभव देखते है,उसकी सम्पत्ति देखते है उस समय कैसा विचार आता है? अगर यह विचार आता है कि उसके पास इतना सारा वैभव , उसकी सम्पत्ति चली जाय तो अच्छा। इस तरह…
जीवन एक जुआ है जो हर एक को खेलना पड़ना है
जीवन एक जुआ है। हम इच्छा करे या न करे हमे जुआ खेलना ही पड़ता है। रोज सुबह एक बाजी लगती है हार अथवा जीत वह बाजी प्रकृति के साथ लगती है। यह जुआ समय के साथ खेलता है। जो कभी जितने नही देता है। तो कभी जीतना भी नही है। इतिहास गवाह है की इंसान समय का तोप फाड़कर…