विचारों को अपने जीवन में परिवर्तन करना
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युद्ध मे विजय प्राप्त करने से पहले क्रोध पर विजय प्राप्त करो
क्रोध काल है। विकराल है। क्रोध मानव को दानव बनता है। क्रोध मे संत भी संयम खो देता है। क्रोध जीवन का नाश करता है। तो क्रोध सुख का विनाश करता है। क्रोध मे मानव मे राक्षस आ जाता है। जो चारित्र का हरण कर देता है। तो हमारे जमीन का हनन करता है। क्रोध मानव के अन्दर छूपी अद्शय…
ऊपर आकाश निचे धरती है, बीच मे है तेरा जूनून
“जुनून” एक ऐसा शब्द है जिससे इन्सान अपना जीवन बदल सकता है। जूनून अगर इन्सान मे होता है तो वह हारी बाजी को भी जीत मे बदल सकता है। चाहे फिर वह जीत के लिए रेसलिंग की रिंग मे हो या क्रिकेट का मैदान हो। अगर इन्सान जूनून हो तो वह जीवन का रण भी जीत जाता है। यह जूनून…
आज माहौल बदल रहा है।
मेरे देश का युवा बदलाव चाहता है। वह आज विजन के साथ काम करता है। आज के युवा को आपको तर्को के साथ धर्म समझाना होगा नही तो वे नास्तिक बन जायेंगे। क्योंकि उसके चारो ओर नास्तिकता व्याप्त है। पर इसमे भी धर्म टीक सकता है। बस उसे समझाने की शौली मे थोडा बदलाव लाना होगा। अभी- अभी एक नौजवान…
सुख यानि जिसका outgoing free है परंतु Incoming पैसे देने के बाद भी चालु नही हो सकता है।
सुख यानि जिसे कोई व्याखाया मे बांधा नही जा सकता है। जिसे चुआ भी नही जा सकता है। जिसे कुछ सुनाया भी नही जा सकता है। जिसे आवाज देकर बुलाया भी नही जा सकता है। जिसे स्पर्श भी नही किया जा सकता है। जिसे अंगुली पकड कर घर मे बिठाया भी नही जा सकता है। जो प्यारा लगता है पर…
गुस्सा एक ऐसा अपराधी है जो जीवन मे विवेक को नष्ट कर देता है।
गुस्सा और विवेक के बीच मे मात्र एक ही दरवाजा है। जब भी जीवन मे गुस्से का दरवाजा खुलता है तो विवेक का दरवाजा बंद हो जाता है। गुस्सा आते ही वह सर्व प्रथम बुद्धि को खा जाता है। क्रोध वह तुफान जैसा है। तुफान की प्रकृति ही विनाश की सर्जक है। दुनिया मे प्रकृतिक तुफान आये या मानवीय तुफान…