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जिंदगी के दो चीज़ें

जिंदगी में दो चीज़ें हमेशा टूटने के लिए ही होती हैं।

“सांस और साथ”
सांस टूटने से तो इंसान 1 ही बार मरता है, पर किसी का साथ टूटने से इंसान पल-पल मरता है।
जीवन का सबसे बड़ा अपराध-
किसी की आँख में आंसू आपकी वजह से होना और
जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि-
किसी की आँख में आंसू आपके लिए होना।
जरुरत के मुताबिक जिंदगी जिओ- ख्वाहिशों के मुताबिक नहीं।
क्योंकि जरुरत तो फकीरों की भी पूरी हो जाती है,
और ख्वाहिशें बादशाहों की भी अधूरी रह जाती है।
मनुष्य सुबह से शाम तक काम करके उतना नहीं थकता,
जितना क्रोध और चिंता से एक क्षण में थक जाता है।

दुनिया में कोई भी चीज़ अपने आपके लिए नहीं बनी है।
जैसे: दरिया- खुद अपना पानी नहीं पीता।
पेड़- खुद अपना फल नहीं खाते।
सूरज- अपने लिए हररात नहीं देता।
फूल- अपनी खुशबु अपने लिए नहीं बिखेरते।
मालूम है क्यों? क्योंकि दूसरों के लिए ही जीना ही असली जिंदगी है।

मांगो तो अपने रब से मांगो: जो दे तो रहमत और न दे तो किस्मत,
लेकिन दुनिया से हरगिज़ मत माँगना,
क्योंकि दे तो एहसान और न दे तो शर्मिंदगी।

कभी भी ‘कामयाबी’ को दिमाग और ‘नकामी’ को दिल में जगह नहीं देनी चाहिए। क्योंकि,
कामयाबी दिमाग में घमंड और नकामी दिल में मायूसी पैदा करती है।

कौन देता है उम्र भर का सहारा।
लोग तो जनाज़े में भी कंधे बदलते रहते हैं।

-सुखी जीवन के 6 मन्त्र-
अगर ‘पूजा’ कर रहे हो – तो ‘विश्वास’ करना सीखो !
‘बोलने’ से पहले – ‘सुनना’ सीखो !
अगर ‘खर्च’ करना है – तो ‘कमाना’ सीखो !
अगर ‘लिखना’ है – तो ‘सोचना’ सीखो !
‘हार’ मानने से पहले – फिर से ‘कोशिश’ करना सीखो !
‘मरने’ से पहले – खुल के ‘जीना’ सीखो !

सूत्र और रचियता
March 26, 2016
चार कीमती रत्न
March 26, 2016

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