न्यूयॉर्क में स्टेट बैंक में ज्होन पीटर क्लर्क था।एक महिला बैंक में बड़ी रकम लेने आई,क्योंकि उसके प्रेमी ने उससे कहा कि तू बड़ी रकम ले आ। भाग कर हम मजा करेंगे। पुण्य से रकम लेने पीटर के पास आयी। पीटर ने रकम उसके हाथ में देते ही उसके दिल में चुभन होने लगी कि मैं कुछ भूल कर रही हूं! उसने रकम बैंक में वापस भर दी बाद में उसको पता चला कि उसका प्रेमी धूर्त था। उसे पिटर देवदूत जैसा लगा!उसके बाद लेनदेन पिटर के हाथ से ही करने का निश्चय किया! इसका रहस्य किसी ने पीटर को पूछा,तो उसने कहा कि मेरी मां भी बड़ी धार्मिक है। उसने संस्कार दिए हैं कि सबका भला चाहो।इसलिए सभी को रकम लेते- देते प्रभु को प्रार्थना करता हूं कि हे प्रभु! इसका भला करना। पिटर के पवित्र दिल की प्रार्थना से बहुतों को लाभ हुआ था। प्रार्थना से सचमुच लाभ होने के दूसरे भी किस्से वर्तमान में हुए हैं। इनमें तीर्थंकरों की प्रार्थना की महिमा सर्वश्रेष्ठ है ।हे जैनो! तुम श्रद्धा से प्रभुभक्ति और प्रार्थना आदि से स्वहित के साथ-साथ परहित भी साध लो यही शुभेच्छा।