Archivers

दिन की कहानी 30, जनवरी 2016

तोता रट

एक बार एक साधु ने अपनी कुटिया में कुछ तोते पाल रखे थे। सभी तोते को अपनी सुरक्षा के लिए एक गीत सीखा रक्खा था ।
गीत कुछ इस तरह था कि
‘शिकारी आएगा
जाल बिछाएगा
दाना डालेगा
पर हम नहीं जाएंगे’
एक दिन साधु भिक्षा मांगने के लिए पास के एक गांव में गए ।
इसी बीच एक बहेलिया ने देखा एक पेड़ पर तोते बैठे हैं उसे उन पक्षियों को देख उसे लालच हुआ उसने उन सभी तोते को पकड़ने की योजना बनाने लगा ।
तभी तोते एक साथ गाने लगे
शिकारी आएगा
जाल बिछाएगा
दाना डालेगा
पर हम नहीं जाएंगे । बहेलिया ने जब यह सुना तो आश्चर्यचकित रह गया
उसने इतने समझदार तोते कहीं देखें ही नहीं थे,
उसने सोचा इन्हे पकड़ना असंभव हैं ये तो प्रशिक्षित तोते लगते हैं ।
बहेलिया को नींद आ रही थी उसने उसी पेड़ के नीचे अपनी जाल में कुछ अमरूद के टुकड़े डाल कर सो गया,
सोचा कि संभवतः कोई लालची और बुद्धू तोता फंस जाएं ।
कुछ समय बाद जब वह सोकर उठा तो देखा कि सारे तोते एक साथ गा रहे थे
शिकारी आएगा
जाल बिछाएगा
दाना डालेगा
पर हम नहीं जाएंगे ।
पर वह यह गीत जाल के अंदर गा रहे थे।
शिकारी उन सब बुद्धू तोते की हाल देख हंस पड़ा और सब को पकड़ कर ले गया ।

किसी भी ज्ञान को रटने की बजाय उसे समझने पर बल देना चाहिए ।
क्योंकि रटा हुआ ज्ञान किसी काम का नहीं होता

– केवल स्कुल कॉलेज में मिलने वाले ज्ञान से जीवन नहीँ बनता ।
अगर ऐसा होता तो
डॉक्टर, वकील, नेता, अभिनेताओने मिलकर इस धरती को स्वर्ग सेभी सुंदर बना देते ।
जीवन अच्छा बनता है,
उच्च विचार, नम्रता, विनय
और सरलता जैसे गुण हमारे जीवन मे होनेसे जीवन सुगन्धित बनता है…।

दिन की कहानी 30, जनवरी 2016
January 30, 2016
दिन की कहानी 1, फरवरी 2016
February 1, 2016

Comments are closed.

Archivers