Archivers

दिन की कहानी 2, मार्च 2016

मैं जैन हूँ

किसी ने एक बार मुझसे सवाल किया-
तुम्हेँ जैन होने पर इतना अभिमान क्यूँ है,
आखिर तुम भी तो एक आम इंसान हो,
तुम्हारे खून का रंग औरो से अलग है क्या ?

मैँने कहा-
मैं जैन हूँ
इसका मुझे अभिमान नहीं है,
परन्तु !

हाँ मुझे गर्व है कि मैँ जैन हूँ क्यूँकि
मै जैन हूँ,
इसीलिए बचपन से ही धर्म और संस्कृति से जुड़ा हूँ।

मैँ जैन हूँ,
इसीलिए मैँ शाकाहारी हूँ।

मैँ जैन हूँ,
इसीलिए बडो का आदर करना जानता हूँ।

मैँ जैन हूँ,
इसीलिए स्वच्छता और
सात्विकता का ध्यान रखता हूँ।

मैँ जैन हूँ,
इसीलिए सहयोग की भावना मेरे दिल मेँ है।

मैँ जैन हूँ,
इसीलिए जीव हत्या से बचने का प्रयास करता हूँ।

मैँ जैन हूँ,
इसीलिए अपशब्दोँ का प्रयोग नहीँ करता।

मैँ जैन हूँ,
इसीलिए मेरे लहजे मेँ मिठास है।

मैँ जैन हूँ,
इसीलिए ये सारे संस्कार मुझे
मेरे परिवार से मिले हैँ।

दिन की कहानी 1, मार्च 2016
March 1, 2016
दिन की कहानी 2, मार्च 2016
March 2, 2016

Comments are closed.

Archivers