दिन की कहानी
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चिन्ताओ का उपदेश
एक बार एक स्वामी जी भिक्षा माँगते हुए एक घर के सामने खड़े हुए और उन्होंने आवाज लगायी, भीक्षा दे! दे माते! घर से महिला बाहर आयी। उसने उनकी झोली मे भिक्षा डाली और कहा, महात्माजी, कोई उपदेश दीजिए। स्वामीजी बोले, आज नहीं, कल दूँगा। दूसरे दिन स्वामीजी ने पुन: उस घर के सामने आवाज दी- भीक्षा दे! दे माते!…
परमात्मा प्राप्ति किसे होती हैं
एक राजा था। वह बहुत न्याय प्रिय तथा प्रजा वत्सल एवं धार्मिक स्वभाव का था। वह नित्य अपने इष्ट देव की बडी श्रद्धा से पूजा-पाठ और याद करता था। एक दिन इष्ट देव ने प्रसन्न होकर उसे दर्शन दिये तथा कहा- राजन मैं तुमसे बहुत प्रसन्न हूँ। बोलो तुम्हारी कोई इच्छा हैं? प्रजा को चाहने वाला राजा बोला- भगवन मेरे…
गुरु और भगवान में अंतर
गुरु और भगवान में- एक अंतर है। एक आदमी के घर भगवान और गुरु दोनो पहुंच गये, वह बाहर आया और चरणों में गिरने लगा। वह भगवान के चरणों में गिरा तो भगवान बोले- रुको-रुको पहले गुरु के चरणों में जाओ। वह दौड़ कर गुरु के चरणों में गया। गुरु बोले- मैं भगवान को लाया हूँ, पहले भगवान के चरणों…
गधे की कहानी
किसी समय एक जंगल में गधे ही गधे रहते थे। पूरी आजादी से रहते, भरपेट खाते-पीते और मौज करते थे। एक लोमड़ी को मजाक सूझा। उसने मुँह लटकाकर गधों से कहा- मैं अपने कानों से सुनकर और आँखों देखकर आई हूँ। मछलियों ने एक सेना बना ली है और वे अब तुम्हारे ऊपर चढ़ाई करने ही वाली हैं। उनके सामने…
जिनधर्म के संस्कारों मत छोड़ना
हंस और परमहंस नामक दो भाई थे। अकलंक जिसे एक ही बार में याद हो जाता और हंस को दुबारा कहने से याद हो जाता है। ऐसे प्रखर बुद्धि के धनी दोनों बालको में जिनधर्म के संस्कार थे। बचपन में ही ब्रह्मचर्य व्रत ले लिया था। इस बात से अनजान पिता ने उनके विवाह की तैयारी करने लगे परन्तु अपने…