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दशवैकालिक के रचयिता शय्यभव सूरिजी – भाग 2

इसके बाद उन्होंने अन्य दर्शन के व्यक्तियों पर अपनी नजर दौड़ाई और उसी समय उन्हें राजगृह नगर में वत्सकुल में उत्प्पन हुए शय्यंभव हर तरह से योग्य दिखाई दीए । वह शय्यंभव ब्राह्मणों के पास यज्ञ करा रहे था। अपने भावी उत्तराधिकारी को नियुक्त करने के लिए प्रभवस्वामी ने राजगृही नगरी की और यात्रा प्रारम्भ की। *श्रमणों का तो यह…

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दशवैकालिक के रचयिता शय्यभव सूरिजी – भाग 1

पांचवे आरे के अंतिम समय तक जो सूत्र विद्दमान रहेगा …….. और जगत को सत्यमार्ग का प्रकाश देता रहेगा ….ऐसे पवित्र ग्रंथ ‘श्री दशवैकालिक सूत्र ‘ के रचयिता चौदह पूर्वधर महर्षि श्रुत्र के वली शय्यंभव सूरिजी म., जो जन्म से जैन नही थे ….परंतु जिस प्रकार पारसमणि के संग से लोहा सुवर्ण बन जाता है, उसी प्रकार सद्गुरु के समागम…

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