सुरसुन्दरी के प्रश्न का अमरकुमार ने जवाब दिया:
‘वह तीन अक्षर का शब्द है ‘ राखड़ी ‘ ! रा जाने से खड़ी बचेगा । जिसका अर्थ होगा खड़ी रही हुई । ‘ ख’ निकालने से ‘राड़ी’ शब्द बनेगा यानी विधवा ( गुजराती भाषा मे राड़ी=रांडेली का अर्थ होता है विधवा ) राख अनाज में डालने से अनाज की सुरक्षा होती है ।
लोग तालियां बजाने लगे। सुरसुन्दरी ने तीसरी पहेली पूछी: ‘तीन अक्षर का एक शब्द है। उसका पहला अक्षर जाने से जो शब्द बनेगा उसका प्रयोग विवाह-शादी के समय सबसे पहले किया जाता है। दूसरा अक्षर जाने से जो शब्द बनेगा वह यदि घर के आंगन में हो तो घी-दूध की चिंता नही रहती। तीसरा अक्षर दूर करने से जो शब्द बनेगा वह करने से दुर्गति में जाना पड़ता है’ और पूरे शब्द के अर्थ की वस्तु तुम्हारे चरणों मे देखी जा सकती है ।
कुमार ने पलभर की भी देरी किये बगैर कहा : ‘वह तीन अक्षर का शब्द है ‘पावड़ी’ । पा-जाने से ‘वडी’ शब्द बनता है जिसका प्रयोग शादी के समय होता है। व-निकाल दे तो ‘पाड़ी’ बचेगा यदि घर मे ‘पाड़ी’ हो तो दूध-घी की सुविधा रहती है । डी-जाने से ‘पाव’ शब्द बनता है, उसका अर्थ है पाप । पाप करने से दुर्गती मिलती है, और पावड़ी तो पैरो में पहनी जाती है-यह तो सभी जानते ही है।
सभाग्रह आनंद से नाच उठा । लोगों ने अमरकुमार को ढेरों अभिनन्दन दिये ।
राजा ने भी दोनों को धन्यवाद दिया और कहा : ‘ अब तुम्हे मैं सवाल पूछता हूं। पहले अमरकुमार को जवाब देना होगा । ‘सरोवर का सार क्या ? दानव वंश का विख्यात राजा कौन ? सदा सौभाग्यवती नारी कौन सी ? और मारवाड़ के आदमी किस वेशभूषा से पहचाने जाते है ?
इन चारों सवालो का जवाब एक ही शब्द में मिलना चाहिए । अमरकुमार ने पलभर सोचकर कहा : ‘महाराज, उसका प्रत्युत्तर है –
जानिये जवाब अगली पोस्ट मे…