अंगदेश की राजधानी थी चंपानगरी । चंपानगरी सुन्दर थी और समृध थी । राजा रिपुर्मदन ने चंपा को सजाया – संवारा था। चंपा की प्रजा मे शिक्षण एवं संस्कार सिंचे थे। राजा स्वयं आहृत धर्म का उपासक था। फिर भी अन्य धर्मों के प्रति वह सहिष्णु था । राजा मे न्यायनिष्ठा थी , प्रजा के प्रति राजा को वत्सलता थी…