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अाखिर ‘भाई’ मिल गया – भाग 6
विमानचालक ने उपचार वगैरह करके उसे होश मे लाया l जग कर उसने अपने सामने किसी अनजान खूबसूरत युवान को देखा l वो चौकी l सावध हो गई l मौका देखकर विमान मे से कूदने के लिये तैयार हो गई l विमानचालक ने उसको पकड़ ली l ‘मुझे रोको मत l मुझे जीना नहीं है…..मुझे मर जाने दो l’ ‘तू…
अाखिर ‘भाई’ मिल गया – भाग 5
लुटेरे वापस पल्ली में लौटे तो उन पर आगबबूला होता हुआ बरस पङा – ‘दुष्टों ! तुम किसे ले आये थे यहाँ ? जानते हो ?’ बिचारे लुटेरे तो पल्लीपति का इतना खौफनाक रुप देखकर सकते में आ गये थे | ‘वो तो साक्षात जगदम्बा थी….तुम्हारे पापों से आज मैं मर ही जाता….भला हो उस जगदम्बा मां का , उसने…
अाखिर ‘भाई’ मिल गया – भाग 4
देवी ने सुरसुन्दरी के सर पर हाथ रखा। सुरसुन्दरी तो पंचपरमेष्ठि के ध्यान में लीन थी | सर पर देवी का दिव्य कर-स्पर्श होते ही उसने आँखें खोली….शासनदेवी को हाजराहजूर देखकर वो हर्ष से विभोर हो उठी | उसने मस्तक झुका कर प्रणाम किया और देवी अदृश्य हो गई | सुरसुंदरी ने पल्लीपति को देखा | वह बेचारा डर के…
अाखिर ‘भाई’ मिल गया – भाग 3
‘तेरा मुँह बंद कर । और मेरे से दूर खडे रहना यदि ख़ैरियत चाहता हो तो ।’ सुरसुंदरी ने घुड़कते हुए कहा । ‘तुझे मालूम है री छोकरी ,तू किसके साथ बात कर रही है….?’ ‘हां…..हां…..भलीभांति जानती हूं मै चोर लूटेरों के सरदार का साथ बात कर रही हूँ……’ ‘तुझे मेरी बात मानना होगा…..|’ ‘नही मानूंगी तो ?’ ‘इसका परिणाम…
अाखिर ‘भाई’ मिल गया – भाग 2
पल्ली आ गई | मशालों का प्रकाश था | सुरसुंदरी ने प्रकाश में लुटेरों के अड्डे की जगह को देख लिया | लुटेरे उसे एक मकान में ले गये | मकान क्या , मिट्टी का बनाया हुआ झोंपङा था | मकान में घुसते ही उसने पल्लीपति को देखा…..पलभर तो सुरसुंदरी भय से कांप उठी | उसे लगा वह किसी क्रूर…