‘वेधराज, हम देवी लीलावती के भवन से आ रहे है | देवी ने कहलवाया है की यह नवागन्तुक सुंदरी के दर्द को जानकर उसका उपचार करने का है |’ सरिता ने वेधराज को नमन करके विनयपूर्वक निवेदन किया | ‘अच्छा, तुम भीतर के कमरे में बैठो, मै जरा अपने नित्यकम से निपट कर देख लुगा |’ ‘यदि आपको विलंभ होने…