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प्रभु पर श्रद्धा तो एक वाक्य जीवन की राह बन जाता है।

एक व्यक्ति ने एक वाक्य पढा और उसी समय उसका जीवन बदल गया। कथीर को अगर कोई परम पारस का स्पर्श हो जाये तो पलभर मे कंचन मे पलट जाता है। उसी प्रकार मेरा जीवन पलट गया। वही युवान उत्साह से लेखक के पास गया और बोला जब से मेने एक वाक्य पढा है तब से मै उसका सतत् रटन कर रहा हूँ। और जिसने मेरा जीवन बदला है उस वाक्य की शक्ति सभी को समझाता हूँ।

लेखक ने पुछा- भाई वो वाक्य कौन सा है और वो अद्भुत वाक्य कहाँ पढा?

युवान ने कहा अभी मै डाॅ. जोसफ लिजुता के नाम से प्रख्यात हूँ। जब कोई मुझे पहचानते नही थे और जीवन के कदम – कदम पर निष्फलता मिल रही थी और मन मे निराशा उभरा रही थी। जीवन मे कहाँ जाना क्या करना कुछ भी पता नही चल रहा था। मन को शांति मिले इसलिए अलमारी मे से धार्मिक पुस्तक निकाली और सहज रूप से पुस्तक खोली और उस पर लिखा एक वाक्य पर नजर पड़ी और वो वाक्य मन से जुड़ गया और जीवन के घोर अंधकार मे आशा की किरण मिल गई ।

पर वो वाक्य ये था कि जिसको आपने जगत मे भेजा है जीवन यात्रा मे वो आपके साथ है कभी आपको अकेला नही छोड़ेगा। लेखक ने वाक्य का मनन कर पुछा- इस वाक्य से तेरा जीवन कैसे बदलाया?

डाॅ. जोसफ बोले पढते – पढते मेरी निराश चली गई। फिर तो मैंने इतनी पढ़ाई करी की मै डाक्टर बन गया। उसके बाद धर्म प्रचार और मानव सेवा का काम शुरू किया। जीवन मे दुःखी और निराशा जनक लोगो को यह वाक्य और इसकी महिमा बताई और प्रेरणा देना शुरू किया ।

लेखक ने पुछा जिस प्रकार आपका जीवन परिवर्तित हुआ है क्या उस प्रकार सबका जीवन परिवर्तन होगा? डाक्टर बोले वाक्य प्रेरणादायी है पर शक्यता है की जिसके मन मे अंश्रधा, शंका, अधर्म जैसे अवरोध रहते है और जो ईश्वर को संपुर्ण रूप से समर्पित नही रहते है तो उसको इस वाक्य का पारस स्पर्श नही होता है। पर जो परम कृपालु, परमात्मा से समर्पित है और उसमे सम्पूर्ण श्रद्धा है उसका तो उसके जीवन मे जीने योग्य बनता है। और इस वाक्य मे से प्रेरणा और मार्ग दर्शन मिलता है ।

पारस का स्पर्श मिलने के लिए पहले मन मे से मलिनता निकालो। शुद्ध भावो को प्रगट करो और जीवन सर्वस्व सम्पूर्ण करो तभी पारस का स्पर्श होता है।

इस दोस्ती से मेरी इमेज तो नही बिगड रही है?
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