इंसान अगर सरल है तो दुनिया में हर व्यक्ति उसका हो जाता हैं। और अगर सरल नही है तो कोई भी उसका नही हो सकता। मानव को महान बनने की चाबी सरलता और सहजता है- ये है तो ही सब संभव है।
मुझे ऐसे ही एक डॉक्टर की बात याद आ गयी। वह अपने क्लिनिक पहुंचे तो देखा लंबी भीड़ है और विजिट पर भी जाना था।
उसके पास एक विट्टल आया और साथ में एक 24 साल का एक नोजवान अपटूडेट खड़ा था।
उसे विजीट के लिए डॉक्टर ने कहा कि महादेव यह विजीट तुम कर आओगे, इंसुलिन देकर आना है। यह ready हो गया। उसे विट्टल ने रास्ता बता दिया।
वहाँ पर वो पहुंचा। घर का दरवाजा बजाया। 10 मिनिट में गेट खुला। अब जैसे ही उसने घर में प्रवेश किया तो स्थिति बहुत ख़राब थीं। वह घर की दशा देखकर समझ गया कि जंर्जरीत हालात का मकान है। वह समझ गया था कि यह लोग 21वीं सदी में भी 19वीं सदी का जीवन थापन कर रहे है।
अब तो बस ये यहाँ कैसे रहते है ऐसा सोचा ही था कि अंदर से एक लड़की आती है। बहार के रूम में और उसे देखकर वो चोक जाता है की इस भंगार में ये रत्न कैसे?? और नरहरी भाई बताते है कि ये मेरी बेटी है। इसका जन्म हुआ और इसकी माँ चल बसी। मैंने इसे पाल पोसकर बड़ा किया। ये 10 साल की हुई और मेरे शरीर ने मेरा साथ देना छोड़ दिया। तब से इन 10 सालो से लगातार मेरी सेवा कर रही है।
महादेव का उनके गर आना नित्य हो गया था। इन्सुलिन इंजेक्शन देने वः रोज आता था। उसने एक दिन पूछा नरहरि काका से की इसकी कोई खूबसूरत लड़के के साथ शादी क्यों नही कर देते हो?
हरिकाका ने कहाँ की आज पैसा पहले देखते है। गुणों को नही देखते है।
मेरे पास गुणवान बेटी है, पैसा नही है तो फिर गुणवान लड़का मुझे नही मिलेगा।
तब उसने कहाँ की ऐसा नही है। समय बितता गया और महादेव ने मौका देखकर बोला की आप इसकी शादी मेरे साथ कर सकते है। यह सुनकर वह चौक गए और कही कि- बेटा तू तो मेरे बारे में सब कुछ जान चूका है, पर मै कुछ नही जानता ,तेरी पढ़ाई, कमाई, खर्च विगेरे।
तो जान लो। मेरा नाम मर्मल मेहता है। मुझे प्रेम से महादेव बुलाते है। 2 साल पहले M.B.B.S कर के आया हूं। सरकारी अस्पताल में इंटर्नशिप कर रहा हूं। डॉ. रावल मेरे दूर के मामा है। और मै रोज शाम को एक घन्ठा प्रैक्टिस के लिए जाता हूँ।
और दो बात बाकि रह गयी है। मै देहज में एक रूपया भी नही लेने वाला। अनुमति के साथ लग्न करना चाहता हूं। आशीर्वाद cash देगे या हिसाब में लिखु??