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मन को मजबूत करने हेतु 4-C का अभ्यास

कितने ही लोग तन से मजबूत होते है तो मन से कमजोर होते है तो कितने ही लोग मन हे मजबूत होते है तो तन से कमजोर होते है। इसमे से एक विकल्प पसंद करना होतो 100% मे से 90% लोग दुसरा विकल्प पसंद करेंगे- ऐसा मेरा मानना है।

अब दुसरी बात शरीर की, शरीर की कमजोरी ग्लूकोज, विटामिन और बी काम्पलेक्स की टेबलेट दूर कर देती है। परंतु कमजोर मन को पावर फूल बनाना है तो फिर आपको 4-C सूत्रो का अभ्यास करना होगा:

1. Concentrate ( कौन्सन्ट्रेट) यानि एकाग्रता- हमारा मन बहुत ही चंचल है। और इसकी चंचलता को तोडने के लिए एकाग्रता भाव की खूब जरूरत है। 24HRS मन हमारा एकाग्र नही रह सकता है। परंतु हम एक काम तो कर ही सकते है, जिस समय हम जो काम करते है कम से कम उस समय मे तो एकाग्रता लानी चाहिए। एकाग्रता संकल्प के साथ कार्य शूरू करने मे आये तो मन जरूर ही एकाग्र बनता है।

2. Co- operate- जिस तरह हम हमारे कार्य मे एकाग्र बनाते है ठीक उसी तरह दुसरो को जब भी काम मे जरूरत पडे तो मददगार जरूर बनना चाहिए। शक्ति के अनुसार दुसरो को सहाय करने से हमारा मन जरूर प्रफुल्लित बनता है। जब सामने वाले की दुआ मिलती है तो अपना मन मजबूत बनता है।

3. Challenge- किसी भी कार्य को प्रारम्भ करोगे तो उसमे विघ्न तो आने ही है। परंतु उन विघ्नो से, अडचनो से घबराना नही बल्कि उसे दुर हटाने का प्रयत्न करो। याद रखना परिश्रम बिना मिली प्रसिद्धी और सिद्धी मे कोई मजे नही है। इसलिए विघ्न को दुर कैसे करना इसमे मन को लगा दो।

4. Control- परिस्थिति और लक्ष्यो का सामना करे बिना लक्ष्यो मे सिद्धि नही मिलती है। अथवा जो व्यक्ति अपने वश मे नही उस समय उपर- निचे होने के बजय मन पर control रखना यह नियम हर जगह लखाना चाहिए। प्रयत्न करना और प्रयत्नो के बाद भी सफलता न मिले भवितव्यता को सलाम कर अपने मन को आर्तध्यान – रौद्रध्यान नही करना चाहिए।

एक बार इस 4- C सूत्र को अपना कर देखो, जीवन मे परिवर्तन आये बिना नही रहेगा।।

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