विचारों को अपने जीवन में परिवर्तन करना
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रात का संदेश जीवन को नई राह देता है।
रात और दिन के बीच मे एक बार संवाद हो गया। रात पुरी होने वाली थी और दिन उगने वाला था। ओर इसी बीच दोनो की मुलाकात हो गई। दोनो आमने सामने आकर खडे हो गये। रात्रि ने दिवस से पूछा- जगत मे रहने वाले कितने ही इन्सान को आलसी, कायर, दुःखी और निराश बनाने तुझे क्या आन्नद आता है?…
उजम बाई मे धर्म की दृढ़ता देखकर हर कोई उनकी धर्म की भावना को नमन करता है
वि. संवत् 1868 की घटना वखतचंद सेठ पूरे परिवार के साथ भव्यतिभव्य धर्म प्रभावना करके शत्रुंजय महातीर्थ पर 99 यात्रा करने के लिए गये। उनके साथ उनकी पुत्री उजम बाई भी गई थी। परिवार गिरिराज मे पहुंचा और यात्राओ को प्रारंभ करी अभी तो only for 20 यात्रा पूर्ण हुई और परिवार वज्रपात जैसा दुःख आगया। उजम बाई के पति…
बाप करते बेटे सवाये
शान्तिदास सेठ lll पुत्र लक्ष्मी सेठ ने इस्वी 1657 मे बादशाह शाहजहा के पुत्र मुरादबक्ष को 5 लाख रुपये की राशि देकर मदद करी थी। उसने एक साल मे ही रकम लौटा दी। वि. संवत् 1717 मे जब दुकाल पडा था जिस समय मे गुजराती का पास खाने को दाना नही था। अहमदाबादी रोटी के पीछे मृत्यु को पा रहा…
सेठ परिवार के पूर्वजो की भव्यता
लगभग 70 सालो तक की उज्जवल और यशस्वी सेठ कस्तूर भाई लाल भाई की यशोगाथा को हम थोडा इस तरह विभाजीत कर सकते है। देश के कुशल और जोशीले उद्योगपति के रूप में, जैन संगो के मुख्य कप्तान के रूप में, गुजरात के श्रेष्ठ महाजन के रूप में, संग की सम्पति के रक्षक के रूप में, विशिष्ठ राष्ट्रीय व्यक्ति के…
अतीत के पूर्वजो से धर्म संस्कृति का वारसा
चलो थोडा सा स्मरण करते है हम past का। 1500 वि स. मे जब दिल्ली पर मुगलो का राज था कस्तुर भाई सेठ की दसवी पीढी मे शान्तिदास शेषकरण झवेरी थे। उस समय अहमदाबाद की ब्रान्ड थे। प्रतापी प्रभावी व्यक्तित्व के धनी थे। धर्म मे आस्थावान चुस्त श्रावक थे। खुद के पुरुषार्थ के बल पर खुद के भाग्य के ताले…