विचारों को अपने जीवन में परिवर्तन करना
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परिग्रह हमे कहाँ तक ले जायेगा
इस जगत में सबसे बड़ा पाप कौन सा है?? कोई बताएगा हिंसा, तो कोई बताएगा झूठ, कोई बोलेगा चोरी, कोई बोलेगा अब्रह् । परन्तु मेरी अपेक्षा जो पाप जीव को पाप रूप नही लगे वह पाप ही सबसे बड़ा पाप हैं। आज के काल की अपेक्षा से विचारेंगे तो परिग्रह वह सबसे बड़ा पाप है कारण स्पष्ठ हैं– जीव को…
धीरज के फल मीठे होते है
एक बालक ने एक फिलोसफर से पुछा की भगवान ने इन्सान को दो आँखे क्यो दी है? एक आँख होती तो भी मानव देख सकता था ना? उस फिलोसफर ने बालक को बहुत अच्छा जवाब दिया- भगवान ने इन्सान को दो आँखे इस के लिए दी है कि मानव जिन्दगी मे दुसरी ओर भी देख सके। जब एक रास्ता बंद…
शांति की प्रार्थना
भारत देश श्रद्धा से भरा-फुला देश है। यहाँ पर रोज सवेरा होता है और भक्त रोज भगवन के मंदिर में जात-जात की पूजा करते है। और भात-भात की प्रार्थना करते है। किसी के गाड़ी, बंगले, फैक्टरी को देखकर मानव खुद भी गाड़ी, बंगले, फैक्टरी का मालिक बनने के सुनहरे सवप्न संजोने लगता है। और भगवान के पास इनकी याचना करने…
जीवन में आगे बढ़ने के लिए 4-D को जीवन में अपनाओ
मानव को अगर जीवन में आगे बढ़ना है तो only for बाते करके नही बढ़ सकता है। उसके लिए उसे जीवन में चार ‘D’ को स्वीकारना होगा। तभी वह आगे बढ़ सकता है अन्यथा वह आगे नही बढ़ सकता है। 1.Dare- (हिम्मत भरा आत्मविश्वास) कोई भी काम करने से पहले- मेरे से ही वह काम पूरा होगा , मै इसमें…
सोलह भावना को जाने एक- एक वाक्य मे
शान्त सुधारस, भवभावना जैसे शास्त्रो मे शास्त्र कारो ने 16 भावनाओ का वर्णन करा है। इसमे शुरुआत की 12 भावना स्वयं के लिए है। जबकि अन्त की 4 भावना जगत के लिए है। इन 16 भावनाओ से आत्मा को रोज भावित करना चाहिए। 16 भावना आचरण मे आजाए तो आत्मा परमात्मा बन सकती है। तो चलो इन 16 भावनाओ को…