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आदमी का रूप एक सा – भाग 2

सुरसुन्दरी सावधान हो उठी। मै यहाँ वापस फस गई हूँ। उसे अंदाज लग गया परिचारिका भोजन का थाल लेकर आयी। सुरसुन्दरी क्षुषातुर तो थी ही ।उसने खामोश रहते हुए भोजन कर लिया। तू बहूत थकी थकी लग रही है एक दो प्रहर आराम कर ले राजा ने परिचारिका की ओर देख कर कहा इसको तू अंत पुर में ले जा । पटरानी के खंड के पास वाले कमरे में इसे आराम करवाना। इसे किसी भी तरह की तकलीफ न हो इसका ख्याल करना। जी कहकर परिचारिका सुरसुन्दरी को अपने साथ लेकर चली गयी अंत पुर में। राजा ने निर्देश अनुसार परिचारिका ने कमरा खोल दिया ।आवश्यक सुविधाए जुटा कर परिचारिका ने सुरसुन्दरी की तरफ देखा।
मै दो प्रहर आराम करुँगी वहा तक इस कमरे में कोई आ न पाये ।मै कमरा अंदर से बन्द कर रही हूँ। जैसी आपकी इच्छा। परिचारिका कमरे मेरे बहार चली गयी।सुरसुन्दरी जमींन पर लेट गई । राजा मकरध्वज ने मन ही मन निर्णय कर लिया सुरसुन्दरी को पटरानी बनाने का ।
पर इधर पटरानी मदनसेना ने परिचारिका को बुलाकर पूछा ।
यह औरत कोन हे?
मै नहीं जानती महारानी।
कहाँ से आयी हे?।
धिवरो के टोलो को मिली थी वे महाराजा को भेट कर गये है ।
महाराजा ने क्या कहा इस स्त्री से?
मेने तो कुछ सुना न… स्नान भोजन वगेरह करवा कर उसे इस कमरे में आराम करने की व्यवस्था कर दी है।
मदनसेना ने सुरसुन्दरी को देखा था ।अन्त पुर में उसका प्रवेश होते ही वो चोक उठी थी .. माहाराजा जरूर इस औरत को रानी बनायेगे यह शायद उनकी प्रिय रानी हो जाये। वह चतुर थी विचक्षरण थी। उसने तुरन्त अनुमान लगा लिया । पुरुष तो हमेशा नाविन्य का पुजारी होता है यह जरूर नई रानी बन जायेगी वेसे भी रूपसी है । खूबसूरत है । राजा का मन मोह लेगी ।धीरे धीरे में अप्रिय हो जाऊगी मेरा सर्वस्व लूट जायेगी। मै कही की नहीं रहूगी। नहीं नहीं में इस औरत को यहाँ नहीं रहने दूँगी।
राजा मकरध्वज सोचता है –
मेरी किस्मत तेज हे। कितनी आसानी से इतनी खूबसूरत परी जेसी औरत हाथ लग गयी। दुनिया में खोजने जाऊ तो भी ऐसा स्त्री रतन मिलना मुमकिन नही। कितना अदभुत सौन्दर्य है एक एक अंग जेसे संगमरमर सा तराशा हुआ है। साक्षात् जैसे कामदेव की रति। मानो कामदेव ने ही इसको रचा हो ।मदनसेना तो इसके आगे काली कलूटी सी लगती है ।मै अवश्य सुरसुन्दरी को मुख्य रानी का पद दे दुगा। राजा सुरसुन्दरी से मिलने के लिये काफी अधीर हो उठा। अंतपूर्व में गया । बेवजह राजा को अंत पुर में आया देख पहले तो मदनसेना को अजूबा लगा पर दूसरे।

आगे अगली पोस्ट मे…

आदमी का रूप एक सा – भाग 1
June 30, 2017
आदमी का रूप एक सा – भाग 3
June 30, 2017

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