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मॉडर्न स्टडी

रोज सुबह होती है और विज्ञान एक नई शोध करता है । टी. वी, वीडियो, कंप्यूटर वेबसाइट, C.D., इंटरनेट, मोबाइल,,,, एक के बाद एक नई शोध पुरानी शोध को बासी कर देती है।
पुरी दुनिया को आज के मानव ने चार दिवालों के बीच में उतार दिया है। श्रीमत माता- पिता आज के कालेजियन बेटे की डिमान्ड को बिना विचार किये पुरी करने को तैयार हो जाते है। वह बेटा इन इलेक्ट्रॉनिक गेजेतो का यूज़ या मिसयूज़ करता है और इसकी खबर बहुत सारे माता पिता को तो होती ही नही है।

बन्दर को दारू पिलाओ और जो हालत उसकी होती है ठीक उसी तरह इन युवानो के हाथ में यह आधुनिक साधन आने के बाद इनकी होती है।

एक लड़के ने स्टडी के लिए अपने पिता से स्पेशल रूम माँगा। पिता ने मना किया तो जबरदस्ती से एक रूम ले लिया। और मन होता है तब उसमे पढ़ने बैठता। पिता ने भी मन को बदला की चलो इस बहाने पढ़ाई तो कर रहा है। समय जाता रहा और बेटे की डिमांड बढ़ती रही। कंप्यूटर , इंटरनेट आदि सुविधाओ से सज्ज हो गया। अभ्यास के नाम पर मित्र घर पर आने लगे। रम पर भीड़ भी बढ़ने लगी।

पिता जी को शंका हुई की दाल में कुछ काला है। एक दिन पिता ने रूम का ताला तोड़ दिया और पुत्र की अनुपस्थिति में रूम में रेड डाली तो रूम का दृश्य देखकर पिता चमक गए।

रूम की दीवार पर एक भी जगह खाली नही थी। सभी जगह अर्धनग्न अभिनेता -अभिनेत्रियों के पोस्टर लग रहे थे। टेबल पर बुक्स से ज्यादा बॉलीवुड फिल्म्स की C.D. और सिगरेट के पाकिट ज्यादा थे। अलमारी खोलकर देखी तो शराब की बातलो से भरी थी। अभी तो कंप्यूटर इंटरनेट देखने का बाकी था। अगर वह देखा होता तो बेटे की काली करतुते, (चैटिंग) खुल्ली पड़ जाती जो उस पिता के हार्ट को धक्का लगाने के लिए काफी थी।
“मानव और बन्दर में क्या अन्तर है?”

बंदर में से मानव बनने में हज़ारो साल लगे परन्तु अभी मानव में से बंदर बनने में एक सेकंड भी नही लगता है।

याद रखना मानव में से मिनिस्टर बनना सरल है। पर एक बार मिनिस्टर बनने के बाद कोई मानव नही बनता है।

पारस प्यारा
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