आज के युग में हम जनसँख्या के मामले में हर साल पीछे होते जा रहे है। जहाँ हिन्दुस्तान सर्वाधिक जनसँख्या वाला देश बनने जा रहा है। बौद्व प्रभु वीर के समकालीन है।
जो की विश्व के top3 अनुयायियों वाला धर्म है और हम प्रतिदिन downfall की और अग्रसर है। आर्य संस्कृति के देश में ईसाइ दिन प्रति दिन बढ़ रहे है तो यह सारे नए जन्म नही ले रहे है। आज हम रोज घट रहे है। उसका कारण यह नही है कि मृत्युदर यहा बढ़ गया है।
इसका सीधा सा तात्पर्य है। jain to jain का कम्युनिकेशन टूट रहा है। jain boys and jain girls में रिलेशनशिप नही होने के कारण हमारा पतन हो रहा है। जैन लड़की others में जाती है तो वह दुसरो के सामने अपने धर्म को छोड़ देती है। वह दुसरो को जैन बनाने के बजाए खुद अजैन धर्म का पालन करने लगती है।
जिसके कारन हमारा एक पक्ष टूटता जाता है। दूसरा jain boys अगर other girls को लाते है तो उस अपने घर के, धर्म के संस्कारो से सिंचित नही कर पाते है।
परिणाम यह आता है की वह घर भी धीरे-धीरे धर्म विम्मुख हो जाता है। नही तो क्या इतना मेजर डिफरेंस आ सकता था क्या? 2001 में आप 65 लाख और 2011 में 45 लाख। यानि 10 सालो में 20 लाख का नुकसान यानि हर महीने 16650 लोगो का प्राय धर्मान्तरण हो रहा है। जो बड़ा ही चिंता का विषय है।
Per day 550 लोग change हो रहे है। इस संख्या में हमारी मृत्युदर नही है। यह मात्र परिवर्तन का मामला है। इसलिए हम सभी को मजबुत हो कर इसके लिए प्रयत्न करने होंगे। तभी जा कर के हम jain to jain पर वर्क आगे कर पायेगे। और जब हमने इस नीति पर काम कर दिया तो हमारा downfall रुकेगा। और हम plus में आने लगेंगे। यानि की चार गुना वृद्धि होने लगेगी।
तो बस! हम हमारे धर्म को समझकर इसका रक्षण करने में प्रयत्नशील बने ताकि विकास कर सके।