मानव का सबसे पहला धर्म है मानव की सेवा करना, मानवता का धर्म निभाना।
अगर मानव, मानव का दुःख, दर्द समझने लग जाये तो पृथ्वी पर रहने वाला
हर मानव सुखी हो जायेगा।।
घर परिवार में रह रहे माँ-पिता,
पडौस में रह रहे पडौसी भाई बहिन की सेवा तो होती नही है,
और लाखो करोडो रूपये बेवजह, बिना मतलब के खर्च कर दिए जाते है।
एक तो तुम उस व्यक्ति को पानी पिलाओ जिसको प्यास नही है, और एक उस व्यक्ति को पिलाओ जिसको बहुत भयंकर प्यास है। प्यासा व्यक्ति वो दुआए दे देगा,
जिसका प्रभाव जीवन भर रहेगा।