अतिलोभ यह पाप का मूल है। लोभ एक विकृति है। लोभी व्यक्ति कर्तव्य को समझता नहीं है और वह दूर भागता है। लोभी कभी किसी को कुछ देता नहीं है। लोभ से जीवन में दुख आता है। लोभ से चिंता आती है। लोभ से मनुष्य की कीमत कम होती है।
1 दिन एक चोर एक करोड़पति के घर पर चोरी करने जाता है। वह चोर बहुत चालाक और चतुर था। वह चोरी करने में बहुत होशियार था। रात को 1:00 बजे चौकीदार की नजर चुराकर उस करोड़पति के बंगले में पहुंच गया, 12 कमरे वाला विशाल बंगला देखकर चोर बहुत खुश हो जाता है। वह चोर पहले कमरे में प्रवेश करता है, उसे उस कमरे में 1 तिजोरी दिखाई देती है, वह चोर उस तिजोरी का ताला तोड़कर उसमें से नगद और आभूषण से थैली को भर लेता हैं। जब वह बाहर निकलता है तो उसी समय उसकी नजर दूसरे कमरे कि और जाती है, वहाँ पर उसे दो तिजोरी दिखती हैं उसके मन मे लोभ आ जाता हैं, वह उन तिजोरियों के ताले तोड़ देता है, और उनमें से भी पैसे और आभूषण अपनी थैली में रख लेता है। अब वह सब वस्तु की थैली लेकर आगे बढ़ता है, उसी समय उसे तीसरा रूम दिखता है, वहां पर भी उसे दो तीजोरियां दिखती है, वह जल्दी से उस रूम की तरफ दौड़ता है, तिजोरी का ताला तोड़ता है, और केस और आभूषण निकालकर अपनी थैली में डाल देता है। वह बहुत खुश हो रहा है, और मन में विचार कर रहा है, आज तो बहुत धन मिल गया। और आगे बढ़ता है, उसे आगे के रुम में भी तिजोरी दिखती गई, सभी का ताला तोड़कर गहने आदि लेता गया। हर बार उसका लोभ बढ़ता गया। लोभ के कारण उसे समय का भी ध्यान नहीं रहा। तिजोरी का ताला तोड़ते-तोड़त और धन-पैसा, आभूषण इकठ्ठा करते-करते सुबह हो जाती है। वह 10वें रूम में पहुंच जाता है, तिजोरी का ताला तोड़ा माल लिया और थैली में डाला।
चोर का लोभ बढ़ गया था। इसीलिए उसे समय का ख्याल नहीं रहा सुबह हो गई, लोभ ने उसे अंधा बना दिया, वह ताला तोड़ने में तल्लीन था उसी समय घर का नौकर उसे देख लेता है। वह तुरंत ही चौकीदार को बुलाता है और चौकीदार उस चोर को पकड़कर बहुत मारता है और पुलिस को बुलाकर चोर को पुलिस के हवाले कर देता है।
यदि चोर कितनी आवश्यकता है, उतना लेकर रुक जाता तो वह बच जाता। लेकिन उस चोर का लोभ बढ़ता ही गया वह लोभ के कारण अंधा हो गया और समय का भी ध्यान नहीं रहा, और वह पकड़ा गया।
अत्यधिक लोभ के कारण उसके हाथ कुछ भी नहीं लगा और पुलिस की मार भी खाली पड़ी।
सार यही है कि लोभ व्यक्ति को आंख होते हुए भी अंधा बना देता है।