Archivers

“अपमान के साथ निकालते हो घर में से आज.. आँसू बन कर आपकी आँखों में आएंगे..”

घटना आज से 45 yrs पुराणी है। अहमदाबाद की प्रख्यात मेडिकल कॉलेज में से परीक्षा देकर युवक- युवतिया बहार निकल रहे थे।
एक अत्यंत साधारण घर का तेजस्वी युवक पैदल चल रहा था। कॉलेज के मैन गेट में से बहार निकल रहा था। तभी एक इम्पोर्टेड कार ओवरटेक करती है। गाड़ी रूकती है। तेजस्वी युवक तपन उस गाड़ी में बैठ जाता है। युवती रूपा तपन से पूछती है कि गाड़ी कहाँ और लू? तपन जवाब देता है कि आपकी जहाँ पे इच्छा हो, बिल आपको चुकाना है। उसके चेहरे पे गरीबी का विस्मय था। और आर्थिक स्थति का प्रतिबिम्ब दिख रहा था।
नेवर माइंड, आइ विल मेक द पेमेंट। तेरे फादर वर्तक है और वह मुझे पता है और मै मिल मालिक की बेटी हूँ। परन्तु हम अच्छे मित्र है और मुझे तेरे लिए पैसे खर्च करने में आनंद आता है।
दोनों होटल पहुंचे। वार्तालाप चालू हुआ। तपन ने बोलना शुरू किया। वह जानता था कि इसका जवाब हाँ में ही आने वाला है। पूरा कॉलेज जानता था कि रूपा और तपन एक साथ घुमने जाते है, पढ़ते है। रूपा के बंगले में लड़कियों को भी भाग्य से जाने को मिलता था। तपन तो उसके स्टडी रूम में घंटे-घंटे रूपा के साथ प्रसार करता था। जिस दिन तपन नही मिलता था उस दिन रूपा बेचेन हो जाती थी। रूपा के कारण ही वह बहुत सी बार वेकेशन में गाँव नही जाता था। उसे भी पता था कि रूपा उसे चाहती है।
प्रेम के एकागर और सम्बन्ध स्वीकार करने के लिए योग्य क्षण का इंतज़ार कर रहा था। और आज वह क्षण आ गया है। संवन का समय पूरा हुआ था और समर्पण का समय आया था। परन्तु उसके गले सुख रहे थे।
उसने रूपा से कहा- रूपा अब तीन साल पढ़ लिया और अब मेरी आगे पढ़ने की इच्छा नही है। अब पिताजी को आर्थिक टेका देंना है। अब तेरी इच्छा क्या है??
मेने अभी कुछ विचारा नही है। मै इंटर्नशिप पूरी करुँगी। फिर शादी, फिर वर्ल्ड टूर पे जाऊंगी। आगे का कुछ सोचा नही है। रूपा ने बेफिकर्ता से भरा जवाब दिया है।
तपन बोला की मुझे तुझे कुछ पूछना है।
पूछो!
तूने हमारे लग्न के बारे में कुछ सोचा है? तपन की बात को सुनकर रुपा ने उत्तर दिया की बस हम दोनों अच्छे मित्र है, इससे ज्यादा कुछ भी नही।। तेरे महीने की कमाई मेरे एक दिन के मेकअप का ख़र्चा है। ये तूने कैसे सोच लिया की हमारी शादी हो सकती है।
Last 3 साल की केसेट को रिवर्स कर के देखो तो रूपा के वर्तन में प्रेम और मात्र प्रेम ही दिखता है।
रूपा ने स्पष्ठ शब्दो में कहा कि हम बस अच्छे मित्र थे और अच्छे मित्र है पर यह तूने ऐसे कैसे सोचलिया??
मेरे पापा के पास कितनी बड़ी दौलत है ये मुझे भी नही पता है। तू डॉक्टर बन गया है और अच्छा भी कमायेगा पर तेरे महीने भर की कमाई में मेरे मेकअप का ख़र्चा भी नही निकलेगा।
रूपा वैटर को payment देकर चली गयी। तपन के पास शब्द नही थे। वह बस एक सरकी नज़र से देखता हुआ होस्टल की ओर आगे बढ़ा।
दूसरे दिन वह घर आ गया। उसने पिता से कहा कि जो पहला रिश्ता आये उसे हाँ बोल देना। लड़की भी देखने की इच्छा नही है। मेरी इच्छा अमेरिका पढ़ने जाने की है। मुझे साधारण डॉक्टर बन कर जीवन नही बिताना है।
*I want to do something*
डॉक्टर तपन की शादी उसी की ज्ञाती में अतिशय सुन्दर लड़की के साथ हो गयी। एक साल इंटरशिप पूरी करके अमेरिका चले गये। गरीब घर के लड़के की जेब खाली होती है, दिमाग नही।
अमेरिका एंट्रेस exam में world no. 1 आये। उसके बाद तो समय इतिहास बन गया। 6 साल अमेरिका में रहे। कार्डियोलोजी में विश्वभर में बेजोड़ बने।
अहमदाबाद के किसी फैक्ट्री मालिक को उसके कपडे और परिवार के साथ ख़रीद सके इतनी लक्ष्मी कमाई।
एक दिन स्वदेश वापिस आये। यहाँ आकर गरीब दर्दियो के लिए विश्व कक्षा की एक हॉस्पिटल बनाई। 5 साल संघर्ष किया और सपना साकार हुआ। मैंने एक दिन डॉ. तपन से पूछा की रूपा का क्या हुआ?? कभी वापिस मिली थी या नही?
डाँ तपन ने कहा हाँ! मीली थी न। सामने से चलकर आयी थी। अभी तक कुँविरी है। मुझसे शादी करने आयी थी।
तो फिर अपने क्या ज़वाब दिया?
मैंने कहा कि -तेरी पूरी जिंदगी के मेकअप खर्चे हो इतने रुपये तो मै हर महीने मेरे इंस्टिट्यूशन के रदिओ के पीछे खर्च करता हूँ।
दुनिया देख रही है, हम दोनों में से आज सुखी कौन है। पैसा हमेशा होठ रंगने के लिए नही होता है। दर्दियो के जख्म भरने के लिए होता है।
रूपा चुप हो गयी। मैंने कहा कि कभी मेरे घर भी आना। मेरी पत्नी लाइमजूस अच्छा बनाती है। और उसे देखकर तू कुबूल करेगी की तपन नुकसान में नही रहा है। रूपा को खोकर सोना पाया है। उनके चेहरे पर सात्विक सिद्धि का गौरव चमक रहा था।।

”इस प्रधानमंत्री जैसा चरित्र सबका हो जाए तो देश चरित्रवान बन जाएगा”
May 27, 2017
“विचार अपवित्र बनते है तब आचार भी अपवित्र बन जाता है चलो विचारो की care करे”
June 1, 2017

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Archivers